कोरोना से जंग में भारत के प्रदर्शन ने अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों को प्रभावित किया है.वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी महामारी से मुकाबले के लिए भारत की क्षमता पर विश्वास जताया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और भारत, जहां कोरोना वायरस के मामलों में
कोरोना से जंग में भारत के प्रदर्शन ने अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों को प्रभावित किया है.वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी महामारी से मुकाबले के लिए भारत की क्षमता पर विश्वास जताया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और भारत, जहां कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है, अभी भी महामारी को हराकर शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखते हैं. WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रयान ने कहा, ‘भारत, अमेरिका और ब्राजील शक्तिशाली, सक्षम, लोकतांत्रिक देश हैं, जिनके पास इस बीमारी से निपटने के लिए जबरदस्त आंतरिक क्षमता है’.
अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश है. दूसरे नंबर पर ब्राजील है और उसके बाद भारत का नंबर आता है. रायटर्स टैली के अनुसार, अमेरिका में कोरोन वायरस के मामले गुरुवार को 4 मिलियन से अधिक हो गए हैं. यहां हर घंटे औसतन 2,600 से अधिक नए मामले दर्ज किये गए हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की सराहना की थी. उन्होंने कहा था कि व्यापक स्तर पर टेस्टिंग के मामले में अमेरिका के बाद भारत का नंबर आता है.
पहले भी हुई है तारीफ
वैसे, इससे पहले भी WHO भारत के प्रयासों को सराहा चुका है. कुछ वक्त पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया था कि भारत शुरू से ही COVID-19 को लेकर तत्पर रहा है और कार्रवाई कर रहा है. वह टेस्ट क्षमताओं को तेज करने, ज्यादा अस्पताल तैयार करने, दवाइयों और आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक की व्यवस्था करने जैसी तैयारियों और जवाबी उपायों को लगातार मजबूत बना रहा है.
माइक रयान ने भी कहा था कि कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए भारत को अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखनी चाहिए. उन्होंने कहा था, ‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखे हुए है. भारत ने साइलेंट किलर कही जाने वाली चेचक और पोलियो जैसी दो गंभीर बीमारियों के उन्मूलन में विश्व की अगुवाई की है. उसमें जबरदस्त क्षमता है, सभी देशों में ऐसी क्षमता होनी चाहिए कि वे अपने समुदाय और नागरिक समाज को एकत्र कर सकें’.
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